परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता!
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता!!
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता!!
बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना!
जहां दरिया समन्दर में मिले, दरिया नहीं रहता!!
हजारों शेर मेरे ,सो गये कागज की कब्रों में!
अजब इंसान हूँ फिर भी सो नहीं सकता !!
उनका शहर तो बिल्कुल नये अन्दाज वाला है!
हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता!!
मोहब्बत एक खुशबू है, हमेशा साथ रहती है!
कोई इन्सान तन्हाई में भी कभी "तन्हा "नहीं रहता!!
कोई बादल हरे मौसम का फ़िर ऐलान करता है!
ख़िज़ा के बाग में जब एक भी "पत्ता "नहीं रहता!!..........
हजारों शेर मेरे ,सो गये कागज की कब्रों में!
अजब इंसान हूँ फिर भी सो नहीं सकता !!
उनका शहर तो बिल्कुल नये अन्दाज वाला है!
हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता!!
मोहब्बत एक खुशबू है, हमेशा साथ रहती है!
कोई इन्सान तन्हाई में भी कभी "तन्हा "नहीं रहता!!
कोई बादल हरे मौसम का फ़िर ऐलान करता है!
ख़िज़ा के बाग में जब एक भी "पत्ता "नहीं रहता!!..........
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