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Thursday, January 6, 2011

दोस्ती.... Vivek

तेरी दोस्ती सदा इस दील में जवान रहेगी.
मुस्कुराते लब नमी आँखों में इसकी पहचान रहेगी  


इतना बता दे था फ़रिश्ता, या खुद खुदा तू .
कब तक तेरी सख्सियत से मेरी हस्ती अंजान रहेगी .


हर बदी  से बचाता रहा हरदम मुझे.
आखरी सांस तक तेरी यादे दील में मेहमान रहेगी.


फैलाकर नूर हो गया दूर तू हमसे .
खुशकिस्मत वो खुदाई है जो तेरी मेज़बान रहेगी.


गर पूछे कोई मुझसे "क्या है दोस्ती .? "
ज़िक्र-ए-यारी तेरी सदा हम-ज़ुबान रहेगी