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Sunday, June 7, 2009

╬╬ SHIlPI ╬╬:

मेरे इस नादान दिल की, बेकरारी देखिये,
मर मिटा है उनपे इसकी, करगुजारी देखिये।

दीद जबसे हुई सनम की, तबसे कुछ बहका सा है,
किस कदर छाई है इस, दिल पे खुमारी देखिये।

पत्थरो को भी चीर दे फिर, क्या बिसात-ए-दिल मेरी,
हो नहीं सकती नज़र ये, है ये आरी देखिये।

उनके दर की रहगुज़र में, हो गए कितने फ़ना,
या खुदा आई है अब के, मेरी बारी देखिये।

मरते दम की थी तमन्ना, हमने उनकी दीद की,
नाम में इतना असर था कि, मौत हारी देखिये।

देख के उनको सभी ने, शुरू कर दी बंदगी,
कैसे बनते हैं जहाँ में, अब पुजारी देखिये।

कत्ल होके उनकी नजरो से, बाज़ अब भी ना आये हम,
मौत के साए में कैसे है, इश्क जारी देखिये।

दिल मेरा है चमन सा और, वो लगे सैयाद है,
जिंदगी और मौत की ये, अजब यारी देखिये

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